हाइ ब्लड प्रेशर बन सकता है गुप्त रोग का कारण
डॉ. हर्षित कुकरेजा MBBS, सर्टिफिकेट इन सेक्सोलॉजी (ISSM) Ex-डॉक्टर: दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, दिल्ली
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परिचय
ब्लड प्रेशर हमारे हृदय स्वास्थ्य (Cardiovascular Health) का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। इसका सामान्य रहना हमारे समग्र स्वास्थ्य के साथ-साथ यौन स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। आमतौर पर वयस्कों में सामान्य ब्लड प्रेशर की ऊपरी सीमा 90 से 130 mmHg और निचली सीमा 60 से 90 mmHg मानी जाती है। रक्तचाप का इस रेंज से कम होना हाइपोटेंशन (Hypotension) और ज्यादा होना हाइपरटेंशन (Hypertension) कहलाता है। हाइपरटेंशन की वजह से पुरुषों में स्तम्भन दोष (Erectile Dysfunction) की शिकायत होना बहुत सामान्य है। आज के ब्लॉग में हम हाइपरटेंशन और ईडी के बीच सम्बन्धों का पता लगाएंगे और इसके समाधान के बारे में भी जानेंगे
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
क्रोनिक हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन (Hypertension) होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे किडनी की बीमारी, धूम्रपान या हाई सोडियम वाले डाइट। अक्सर उच्च रक्तचाप के कोई लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन समय के साथ, उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं की परत को नुकसान पहुंचाता है। इससे धमनियां सख्त और सँकरी हो जाती हैं, इस स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहा जाता है। इससे रक्त संचार बाधित होता है और लिंग को इरेक्शन प्राप्त करने और बनाए रखने के लिए पर्याप्त रक्त आपूर्ति नहीं मिल पाती है। चाहे कोई भी कारण हो, उपचार के बिना हाइपरटेंशन जानलेवा हो सकता है। समय से इसकी पहचान और उपचार न करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा रहता है और कई तरह की हृदय सम्बन्धी समस्याएं भी हो सकती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर और लिंग खड़े होने में परेशानी (Hypertension & Erection Problems)
आम तौर पर ईडी के 80% मामलों में शारीरिक कारणों में हाइपरटेंशन का बहुत बड़ा योगदान होता है। वास्तव में हाइपरटेंशन होने से पुरुषों में ईडी होने की संभावना दोगुनी हो जाती है। जैसा कि हम जानते हैं, जब रक्तचाप बढ़ता है, तो रक्त वाहिकाएं कठोर हो जाती हैं, जिसके कारण श्रोणि क्षेत्र यानी पेल्विक रीजन (Pelvic Region) में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे लिंग को इरेक्शन प्राप्त करना और बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिलने से ईडी की संभावना बढ़ जाती है।
हाइपरटेंशन की वजह से शरीर में टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) लेवल घटने का खतरा दुगुना हो जाता है। हाइपरटेंशन और टेस्टोस्टेरोन के बीच संबंधों पर अभी शोध जारी है पर टेस्टोस्टेरोन की कमी से ईडी और कामेच्छा में कमी (Low Libido) की समस्या हो सकती है।
हाइपरटेंशन जनित इरेक्शन प्रॉब्लम्स (ED) का समाधान
ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखना हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। हाइपरटेंशन की वजह से करीब हर साल 5 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। पर 4 में से एक ही पुरुष इस पर काबू कर पाता है। डॉक्टर द्वारा उपचार के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव कर ब्लड प्रेशर नियंत्रित किया जा सकता है। हाइपरटेंशन द्वारा हुई ईडी के कई उपचार उपलब्ध हैं जिनमें से कुछ प्रमुख उपचार आगे बताये गए हैं :
फॉस्फोडिएस्टरेज़-5 अवरोधक या Phosphodiesterase-5 Inhibitors (PDE5i): इनमें सिल्डेनाफिल (वियाग्रा), टैडालाफिल (सियालिस), और वॉर्डनफिल (लेविट्रा) जैसी दवाएं दी जाती हैं। वे नाइट्रिक ऑक्साइड के प्रभाव को बढ़ाते हैं, जो शरीर में एक प्राकृतिक केमिकल है, जिससे लिंग की मांसपेशियों को आराम मिलता है। यह विश्राम रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे इरेक्शन प्राप्त करने और बनाए रखने में आसानी होती है।
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Hormone Replacement Therapy) : टेस्टोस्टेरोन लेवल की कमी से हुई ईडी वाले केसेस में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी पर विचार किया जा सकता है। टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाने से सेक्स में रुचि वापस आ सकती है और लिबिडो में सुधार हो सकता है और इरेक्शन भी बेहतर हो सकता है। हालाँकि, संभावित दुष्प्रभावों और जटिलताओं से बचने के लिए सावधानीपूर्वक निगरानी आवश्यक है।
वैक्यूम इरेक्शन डिवाइस (Vacuum Erection Device) : ये उपकरण लिंग के चारों ओर एक वैक्यूम बनाते हैं, रक्त को इरेक्शन ऊतकों में खींचते हैं और इरेक्शन पैदा करते हैं। फिर इरेक्शन बनाए रखने के लिए बेस पर एक कॉन्सट्रिक्शन रिंग लगाई जाती है। यह विकल्प उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है जो दवाओं का उपयोग नहीं कर सकते हैं या नहीं करना पसंद करते हैं।
एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह लें : एक अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट से मार्गदर्शन लेने में संकोच न करें। वे आपकी स्थिति के अनुरूप विशेष सलाह और उपचार विकल्प प्रदान कर सकते हैं। राज़ App पर ऐसी ही एक्सपर्ट सेक्सोलॉजिस्ट्स की टीम हमेशा आपकी सेक्स सम्बन्धी समस्या के समाधान के लिए उपलब्ध है। आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 955 955 2013 पर कॉल कर हाइपरटेंशन की वजह से हुई सेक्स समस्या के बारे में काउंसलिंग करा कर अपने लिए इलाज का सही विकल्प जान सकते हैं।
जीवनशैली में बदलाव
हाइपरटेंशन से निपटने में अपने जीवन शैली में बदलाव करना बहुत कारगर साबित हो सकता है। इससे इलाज प्रक्रिया में तेज़ी आती है इसका प्रभाव भी लम्बे समय तक रहता है।आगे बताये गए कुछ बदलाव जरूर करें :
स्वस्थ आहार अपनाएं: अपने खाने में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, कम वसा युक्त डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल करें। यह आहार रक्तचाप और समग्र हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव के लिए जाना जाता है।
अपना वजन नियंत्रित रखें : संतुलित आहार और नियमित व्यायाम की मदद से एक स्वस्थ वजन प्राप्त करें और उसे नियंत्रित रखें। वजन घटाने से रक्तचाप में सुधार हो सकता है और हृदय सम्बन्धी रोगों का खतरा भी कम हो सकता है।
धूम्रपान छोड़ें: यदि आप धूम्रपान के आदी हैं तो इसे छोड़ने का प्रयास करें। स्मोकिंग छोड़ने से रक्त वाहिकाएं स्वस्थ हो सकती हैं, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है, जिसका यौन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
शराब का सेवन सीमित करें: अपने शराब का सेवन सीमित करें। अत्यधिक शराब के सेवन से उच्च रक्तचाप हो सकता है और ईडी बढ़ सकता है।
तनाव प्रबंधन करें (Stress Management): ध्यान (Meditation), गहरी साँस लेने के व्यायाम या योग जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास करें। दीर्घकालिक तनाव (Chronic Stress) उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है और यौन क्रिया पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
भरपूर नींद लें: पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद लें। नींद की कमी से तनाव, मोटापा और हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) हो सकता है जिससे हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ सकता है।
मोटापे की वजह से मेरे पति को हाइपरटेंशन की समस्या थी। इस वजह से वैवाहिक जीवन में असंतुष्टि थी। होमियोपैथी उपचार कराया पर समस्या और बढ़ गयी। मेरी सहली ने राज एप्प के बारे में बताया। वहां पर डॉ हर्षित से काउंसलिंग करा कर इलाज शुरू कराया। उनकी समस्या में बहुत सुधार हुआ है। -पलक राठी, श्रीगंगानगर, राजस्थान
निष्कर्ष
ब्लड प्रेशर और पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के बीच संबंध बहुत जटिल है और इसका शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों प्रभाव पड़ता है। दवाएं, टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट और वैक्यूम इरेक्शन डिवाइस द्वारा पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर से होने वाले ईडी का उपचार संभव है। अपने जीवनशैली में कुछ जरूरी बदलाव कर इलाज की प्रकिया को और आसान बनाया जा सकता है। अपनी स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखकर अपने उपचार का माध्यम चुनें।