शीघ्रपतन: मिथ और सच (Shighrapatan: Myths & Facts)
डॉ. हर्षित कुकरेजा MBBS, सर्टिफिकेट इन सेक्सोलॉजी (ISSM) Ex-डॉक्टर: दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, दिल्ली
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परिचय
हमारे समाज में बीमारियों को लेकर कई तरह के मिथक हमेशा से रहे हैं। ऐसा या तो लोगों में जानकारी का अभाव या जागरूकता की कमी से होता है। बात जब सेक्स संबधी समस्याओं की आती है तो स्थिति और गंभीर दिखती है। सामाजिक और सांस्कृतिक कारणों में भारतीय समाज में यौन सम्बन्धी विषयों पर चर्चा करने पर पाबन्दी (Taboo) है। आमतौर पर लोग अपने बातचीत में 'सेक्स' शब्द का इस्तेमाल करने से भी बचते हैं। यहाँ तक की यौन रोगों को गुप्त रोग कहा जाता है यानी ऐसा रोग जिसे छुपाया जाना चाहिए या इसपर बात नहीं करनी चाहिए। ऐसे में सेक्सुअल हेल्थ और उससे जुड़े इलाज के बारे में चर्चा करना और मुश्किल हो जाता है। सेक्स प्रॉब्लम्स के इलाज के लिए सुविधाओं की कमी का यह भी एक बहुत बड़ा कारण है। क्वालिफाइड हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के अभाव में लोग या तो खुद से ही इलाज के तरीके खोज लेते हैं या नीम-हकीमों के पास चले जाते हैं। ऐसे इलाजों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं होता और ये कारगर भी नहीं होते। उल्टा इन इलाजों का सेहत पर बहुत बुरा असर भी पड़ता है। मरीजों को जीवन भर के लिए डिसेबिलिटी या कई केसेस में मृत्यु भी हो जाती है। आमतौर पर लोग हर्बल उपचारों को सुरक्षित मानते हैं पर ऐसा नहीं है। भारत के सबसे प्रसिद्ध हेपटोलॉजिस्ट (लिवर डॉक्टर) राजगिरि अस्पताल, कोच्चि (केरल) के डॉ. सायरिक एब्बी फिलिप्स बताते हैं कि पेड़-पौधों और जड़ी-बूटियों में भी ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारे सेहत के लिए बहुत घातक हैं। इन हर्बल उपचारों से की वजह से कई बार पीड़ित पुरुषों के लिंग, किडनी, लिवर और आँखों आदि में परमानेंट डैमेज हो जाता है। कुछ लोग होम्योपैथिक इलाज का सहारा लेते हैं। यह भी इलाज का एक अवैज्ञानिक तरीका है और कई देशों में बैन भी हो चुका है।
पर यह स्थिति सिर्फ गांव-कस्बों तक ही सीमित नहीं है। शहरी क्षेत्रों और शिक्षित समाजों में भी जागरूकता की भारी कमी है। इंटरनेट पर झूठी ख़बरों का जाल फैला हुआ है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि सोशल मीडिया पर ऐसे पेज और चैनल हैं जो हर्बल उपचारों और आर्गेनिक तरीकों का चमत्कारी प्रभाव बताकर लोगों को गुमराह करते हैं। वहां कुछ ऐसे भी लोग हैं जो खुद को डॉक्टर बताते हैं और अप्रमाणित इलाजों की अनुशंसा करते हैं। इनकी पहुंच लाखों लोगों तक होती है। आधुनिक सूचना युग में ऐसा होना गहरे चिंता का विषय है।
इन सारी समस्यायों को ध्यान में रखकर राज़ App की शुरुआत की गयी है। हमारा उद्देश्य है सेक्सुअल हेल्थ के क्षेत्र में क्रांति ला कर इससे जुड़ी मिसइन्फोर्मशन दूर की जाए और पुरुषों के सेक्स प्रॉब्लम्स के लिए सुरक्षित और प्रमाणित इलाज भारत के शहरों सहित गांव-कस्बों और दूर दराज के इलाकों तक पहुंचाया जाए। आप राज़ App पर गुप्त रोगों से जुड़ी सही जानकारियों के लिए हमारा ब्लॉग पढ़ सकते हैं और अपने सेक्स प्रॉब्लम्स के इलाज के लिए 955 955 2013 पर कॉल या व्हाट्सप्प पर एक्सपर्ट सेक्सोलॉजिस्ट्स से मुफ्त में घर बैठे परामर्श कर सकते हैं। आज के ब्लॉग में हम शीघ्रपतन से जुड़े मिथ और फैक्ट्स पर चर्चा करेंगे।
शीघ्रपतन क्या है?
शीघ्रपतन (Premature ejaculation) एक ऐसा रोग है जिसमें पुरुषों का सेक्स के दौरान बहुत जल्दी ही वीर्य का डिस्चार्ज हो जाता है। वैसे तो वीर्य के डिस्चार्ज की कोई समय सीमा तय नहीं है पर इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर सेक्सुअल मेडिसिन (ISSM) ने लिंग के योनि में प्रवेश होने के 3 मिनट के अंदर डिस्चार्ज होने को शीघ्रपतन माना है। शीघ्रपतन की वजह से पुरुषों में शर्मिंदगी का भाव रहता है और उनके सेक्स लाइफ में तनाव भी बढ़ जाता है। कभी-कभार शीघ्रपतन होना बहुत सामान्य है पर अगर यह लगातार होने लगे तो सतर्क हो जाने की जरूरत है। शीघ्रपतन के बारे में और अधिक जानकारी हम आगे मिथक और सच्चाई के माध्यम से देंगे।
मिथ: शीघ्रपतन होना आम नहीं है
सच्चाई: शीघ्रपतन बहुत ही आम है। रिसर्च के अनुसार दुनिया भर में लगभग तीन में से एक पुरुष अपने जीवन में कभी न कभी शीघ्रपतन का अनुभव करता है। भारत में सामाजिक और सांस्कृतिक कारणों से लोग इसपर खुलकर चर्चा नहीं करते इसीलिए ऐसी धारणा बन गयी है कि यह होना दुर्लभ है।
मिथक 2: शीघ्रपतन सिर्फ ज्यादा उम्र के पुरुषों में होता है
सच्चाई : शीघ्रपतन कम उम्र में भी होना आम बात है पर उम्र बढ़ने के साथ शरीर में हो रहे बदलावों की वजह से शीघ्रपतन होने की आशंका और बढ़ जाती है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे हॉर्मोन संबंधी बीमारी, मानसिक स्वास्थ्य संबधी समस्याएं जैसे डिप्रेशन, काम का स्ट्रेस और चिंता आदि, ख़राब जीवनशैली और पार्टनर के साथ अंतरंगता में कमी।
मिथक 3 : शीघ्रपतन लाइलाज है
सच्चाई : शीघ्रपतन का इलाज बिलकुल संभव है। आप चाहे किसी भी उम्र के पुरुष हों अगर आपको शीघ्रपतन की समस्या है तो किसी अच्छे डॉक्टर से जरूर परामर्श करें। आप राज़ App पर 955 955 2013 पर कॉल या व्हाट्सप्प कर एक्सपर्ट सेक्सोलॉजिस्ट्स से मुफ्त में अपनी शीघ्रपतन की समस्या को लेकर परामर्श कर सकते हैं। डॉक्टर द्वारा बताये गए दवाइयों का सेवन और अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव कर आप शीघ्रपतन से बहुत जल्द छुटकारा पा सकते हैं। दवा शुरू होते ही आपको अपनी हालत में काफी फर्क दिखेगा ।
मिथक 4: किशोरावस्था में ज्यादा हस्तमैथुन करने से शीघ्रपतन होता है
सच्चाई : ज्यादा हस्तमैथुन करने से शीघ्रपतन होने का कोई प्रमाण नहीं है। यह बिलकुल बेबुनियाद है। बचपन की ग़लतियों की बात करने वाले नीम हकीमों के चक्कर में ना पड़ें। ये ट्रिक्स बस आपके शर्म का फ़ायदा उठा पैसे ऐंठने की कोशिश है।
शीघ्रपतन इन कारणों से होता है :
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में असंतुलन
लिंग में अतिसंवेदनशीलता
परफॉरमेंस की चिंता
थायराइड की समस्या
स्ट्रेस, चिंता या डिप्रेशन
रिलेशनशिप में दिक्कतें
मिथक 5 : शीघ्रपतन नामर्दी की निशानी है
सच्चाई : शीघ्रपतन की वजह से सीधे रूप में प्रजनन क्षमता पर असर नहीं पड़ता। जल्दी डिस्चार्ज होने की वजह से हो सकता है वीर्य योनि के अंदर न पहुंच पाए। पर प्रजनन क्षमता कम होना शुक्राणुओं के उत्पादन, मोबिलिटी और स्पर्म काउंट से जुड़ा है जो शीघ्रपतन से बहुत अलग हैं। शीघ्रपतन एक मेडिकल समस्या है जिसका इलाज पूरी तरह से संभव है और यह किसी पुरुष के मर्दानगी का संकेत नहीं है। मर्दानगी एक सामाजिक संकल्पना है इसका विज्ञान से कोई लेनादेना नहीं है। समाज में फैली ऐसी भ्रांतियों की वजह से लोग इसे छुपाते हैं और खुलकर बात नहीं कर पाते जिसकी वजह से उनकी समस्या दूर नहीं हो पाती और वे शर्मिन्दगी महसूस करते हैं और अपने पार्टनर से दूरी बना लेते हैं। इससे उनके आत्मविश्वास को भी ठेस पहुँचता है। अगर आपको शीघ्रपतन की समस्या है और अपना इलाज नहीं करा पा रहे तो संकोच न करें। अभी राज़ App की हेल्पलाइन नंबर 955 955 2013 पर कॉल या व्हाट्सप्प कर डॉक्टर से बात करें और अपना इलाज करा कर शीघ्रपतन की दवा भी पाएं।। आपकी सभी जानकारी गुप्त रखी जाती है |
मिथक 6 : शीघ्रपतन सिर्फ मानसिक कारणों से होता है
सच्चाई : शीघ्रपतन मानसिक और शारीरिक दोनों ही कारणों से हो सकता है। रिलेशनशिप में प्रॉब्लम, ख़राब जीवनशैली, तनाव, चिंता और डिप्रेशन के अलावा बढ़ती उम्र, शारीरिक बदलाव, हार्मोनल असंतुलन, लम्बी बीमारी और लिंग में अति-संवेदनशीलता के कारण भी शीघ्रपतन हो सकता है।
निष्कर्ष
गुप्त रोग खासकर शीघ्रपतन को लेकर समाज और इंटरनेट पर बहुत सारी भ्रांतियाँ फैली हुई हैं। भारत में ऐसे नीम-हकीम लाखों की संख्या में हैं जो जड़ी-बूटी, हर्बल उपचार और होमियोपैथी द्वारा गुप्त रोगों के शर्तिया इलाज का दावा करते हैं। इन दवाओ में कुछ जहरीले तत्त्व होते हैं जो सेहत के लिए बहुत खतरनाक हैं। जानकारी के अभाव में लोग इनके झांसे में आकर अपना समय पैसा और स्वस्थ्य तीनो बर्बाद कर लेते हैं। ऐसे में इसको अच्छी तरह समझना और इसके इलाज के लिए प्रमाणित तरीको को अपनाना न सिर्फ अच्छे सेक्स लाइफ बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।