कहीं डायबिटीज तो नहीं आपके गुप्त रोगों की जड़?
डॉ. हर्षित कुकरेजा MBBS, सर्टिफिकेट इन सेक्सोलॉजी (ISSM) Ex-डॉक्टर: दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, दिल्ली
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परिचय
मधुमेह यानी डायबिटीज (Diabetes Mellitus) एक बीमारी है जिसमें खून में चीनी यानी शुगर (Glucose) की मात्रा लगातार एक सीमा से ऊपर बनी रहती है। ऐसा या तो अग्न्याशय (Pancreas) द्वारा पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) नामक हार्मोन के उत्पादन में कमी या कोशिकाओं द्वारा इस हार्मोन पर प्रतिक्रिया करना बंद कर देने के कारण होता है। यह एक आम बीमारी है जो एक बार होने पर ज़्यादातर केसेज में ज़िंदगी भर रहती है और दुनिया भर की 0.5 से 2% आबादी इससे प्रभावित है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की स्टडी के अनुसार अकेले भारत में करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। डायबिटीज से मुख्य रूप से हृदय रोग, आंखें, किडनी और तंत्रिका तंत्र के विकार होते हैं, पर क्या आपको पता है इसका असर आपके यौन स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है? आज के ब्लॉग में डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों में होने वाले सेक्स प्रॉब्लम्स और उनके समाधान के बारे में जानेंगे।
डायबिटीज और पुरुष यौन स्वास्थ्य
पुरुषों में डायबिटीज और यौन स्वास्थ्य के बीच बहुत जटिल सम्बन्ध है। इसके कारण हृदय (heart) और तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुँचती है जिसका प्रभाव हमारे यौन स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों में ईडी यानी इरेक्शन प्रॉब्लम होती है और वे अपनी कामेच्छा में कमी भी महसूस करते हैं। यह विभिन्न कारणों से हो सकती है जिसके बारे में आगे बताई गयी है:
रक्त वाहिकाओं में क्षति (Vascular damage): डायबिटीज की वजह से रक्त वाहिकाएं संकरी और सख्त हो जाती है जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहा जाता है। इस स्थिति में जननांगों सहित शरीर के अन्य हिस्सों में रक्त का संचार ख़राब हो जाता है। रक्त प्रवाह कम होने से इरेक्शन प्राप्त करने और बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है। इरेक्शन प्रॉब्लम यानी ईडी (Erectile Dysfunction) होने का मुख्य कारण यही है।
न्यूरोपैथी (Neuropathy) : खून में चीनी की मात्रा बढ़ने से तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुँचती है जिसे न्यूरोपैथी कहा जाता है। इस स्थिति में शरीर के कई अंग सुन्न पड़ने लगते हैं और दिमाग द्वारा भेजे गए सिग्नल उन तक नहीं पहुँच पाते। दिमाग और लिंग के बीच में संपर्क प्रभावित होने पर उत्तेजना में कमी आती है और इरेक्शन हासिल करने और बनाये रखने में परेशानी होती है।
मनोवैज्ञानिक समस्याएं (Mental health issues): मधुमेह की वजह से थकान, अवसाद, तनाव और चिंता जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी हो सकती हैं। ये सभी कारक कामेच्छा में कमी का कारण बन सकते हैं।
हार्मोनल असंतुलन (Hormonal imbalance) : मधुमेह ही वजह से शरीर में टेस्टोस्टेरोन लेवल भी प्रभावित होता है। इस हॉर्मोन की कमी से सेक्स करने की इच्छा में कमी (Low Libido) और लिंग खड़े होने में परेशानी (Erection Problems) की समस्या हो सकती है।
डायबिटीज और पुरुष यौन स्वस्थ्य से जुड़े कुछ जरूरी आंकड़े हैं जिन पर गौर करना जरूरी है :
डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों में इरेक्शन प्रॉब्लम होने की संभावना तीन गुनी होती है और यह काम आयु में भी हो सकती है
2007 के एक अध्ययन में पाया गया कि इरेक्शन प्रॉब्लम से पीड़ित 90 % पुरूषों को या तो डायबिटीज था या वे उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), उच्च कोलेस्ट्रॉल (Cholestrol) या धूम्रपान (Smoking) की लत से ग्रसित थे।
डायबिटीज जनित सेक्स समस्यायों का समाधान
ऑप्टीमल ग्लिसेमिक कंट्रोल (Optimal Glycemic Control): मधुमेह से जुड़े यौन विकारों को रोकने और कम करने में ब्लड शुगर लेवल पर कड़ा नियंत्रण बनाए रखना सबसे जरूरी है। नियमित चेकअप, अनुशासित रूप से दवा लेने और जीवनशैली में कुछ जरूरी बदलाव करने से खून में ग्लूकोज़ की मात्रा को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Testosterone Replacement Therapy): टेस्टोस्टेरोन लेवल की कमी से हुई ईडी वाले केसेस में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी पर विचार किया जा सकता है। टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाने से सेक्स में रुचि वापस आ सकती है और लिबिडो में सुधार हो सकता है और इरेक्शन भी बेहतर हो सकता है।
साइकोसेक्सुअल काउंसलिंग (Psychosexual Counseling): मधुमेह से संबंधित यौन विकारों के मनोवैज्ञानिक प्रभाव को समझना और उनका प्रबंधन करना बहुत महत्वपूर्ण है। मनोवैज्ञानिक परामर्श या काउंसलिंग पीड़ित पुरुषों को तनाव, चिंता और अवसाद से निपटने में मदद कर सकती है, जिससे बेहतर यौन स्वास्थ्य के लिए अनुकूल मानसिक स्थिति को बढ़ावा मिल सकता है।
दवाइयां (Medicines for Erection Problem caused by Diabetes): मधुमेह से पीड़ित पुरुषों में ईडी के इलाज के लिए आमतौर पर विभिन्न दवाएं दी जाती हैं, जैसे फॉस्फोडिएस्टरेज़ टाइप 5 (PDE-5) अवरोधक। ये दवाएं लिंग में रक्त संचार बढ़ाती हैं, जिससे इरेक्शन हासिल करने और बनाये रखने में मदद मिलती है। पर किस केस में कौन से दवा ठीक होगी और कितने डोज़ में लेनी चाहिए यह डॉक्टर ही बता सकते हैं। अगर आप या आपके जानने में कोई डायबिटीज से पीड़ित पुरुष हैं और सेक्स संबंधी समस्यायों से जूझ रहे हैं तो आप 955 955 2013 पर कॉल कर डॉक्टर से संपर्क कर मुफ़्त में दिखा सकते हैं। राज़ App पर एक्सपर्ट सेक्सोलॉजिस्ट्स की टीम आपकी सहायता के लिए हमेशा उपलब्ध हैं।
जीवनशैली में बदलाव
डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए अपने जीवन शैली में बदलाव करना बहुत कारगर साबित हो सकता है। इससे इलाज प्रक्रिया में तेज़ी आती है इसका प्रभाव भी लम्बे समय तक रहता है।आगे बताये गए कुछ बदलाव जरूर करें:
स्वस्थ आहार अपनाएं: संतुलित आहार का सेवन करें। डायबिटीज के मरीजों के लिए ज़रूरी है वो हरी सब्ज़ियों को अपने डाईट में शामिल करें। आवश्यकता पड़ने पर राज़ पर अपने डॉक्टर से डाइट चार्ट भी बनवा सकते हैं।
अपना वजन नियंत्रित रखें : संतुलित आहार और नियमित व्यायाम की मदद से एक स्वस्थ वजन प्राप्त करें और उसे नियंत्रित रखें। वजन नियंत्रित रखने से मधुमेह में जटिलताओं की सम्भावना कम होती है और कम इन्सुलिन (Insulin) लेने की जरूरत पड़ती है।
धूम्रपान छोड़ें: यदि आप धूम्रपान के आदी हैं तो इसे छोड़ने का प्रयास करें। स्मोकिंग छोड़ने से रक्त वाहिकाएं स्वस्थ हो सकती हैं, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है, जिसका यौन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
शराब का सेवन सीमित करें: अपने शराब का सेवन सीमित करें। मधुमेह में शराब का सेवन घातक हो सकता है।
निष्कर्ष
डायबिटीज यानी मधुमेह आपके यौन स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। डायबिटीज से मुख्य रूप से लिंग खड़े होने में परेशानी और कामेच्छा की कमी जैसी यौन समस्याएं होती हैं। इन सभी समस्यायों का समाधान है। एक अच्छे डॉक्टर से परामर्श कर इलाज की प्रक्रिया जानें और उनके बताये दवाओं के सेवन और जीवनशैली में बदलाव कर एक अच्छे सेक्स लाइफ का आनंद लिया जा सकता है। राज़ ऐप पर डॉक्टर से इस संबंध में मुफ़्त में 955 955 2013 पर कॉल कर के दिखायें।
डायबिटीज के कारण मुझे सेक्स करने की इच्छा नहीं होती थी। इस वजह से वैवाहिक जीवन में तनाव था। निराश होकर मैंने हर्बल दवाओं का सहारा लिया पर कुछ फायदा नहीं हुआ। एक करीबी मित्र ने राज़ App से संपर्क करने की सलाह दी। वहां पर डॉ. हर्षित से काउंसलिंग करा कर मैंने उनकी बताई दवाईयां लेनी शुरू की। तीन महीने के उपचार के बाद मेरी समस्या में काफी सुधार हुआ है और मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ा है। -निर्मल पाठक, रायपुर , छत्तीसगढ़